सच तो
सच ही रहता है
चाहे कोई कितनी भी
झूठ की कीचड़ उछाले
कभी हीरे भी धूमिल पड़ते हैं ?
नहीं न !!
ख़ुद पर यकीन रखना
सच अपनी पूरी चमक के साथ
बेदाग़, बाहर निकलेगा
और सब देखेंगे…..
झूठ के मुँह पर उड़ता हुआ धुआं… !!
October 28, 2011 by Manju Mishra
सच तो
सच ही रहता है
चाहे कोई कितनी भी
झूठ की कीचड़ उछाले
कभी हीरे भी धूमिल पड़ते हैं ?
नहीं न !!
ख़ुद पर यकीन रखना
सच अपनी पूरी चमक के साथ
बेदाग़, बाहर निकलेगा
और सब देखेंगे…..
झूठ के मुँह पर उड़ता हुआ धुआं… !!
जब समाज खुली आँखों और अभेद दृष्टि से देखता है तो सारा सच उजागर हो जाता है । समय ज़रूर लगता है। और सच -कोई छुपाना भी चहए अधिक दिन तक नहीं छुपा सकता ।
सुन्दर और सटीक बात ..