Archive for the ‘शब्दों का सफऱ’ Category
हिन्दी को बोनसाई मत बनाइये
Posted in आलेख, शब्दों का सफऱ on February 20, 2017| 4 Comments »
इस बात का बहुत दुःख होता है कि आज़ादी के इतने सालों के बाद भी आज भी हिंदी अपने ही घर में उपेक्षा की शिकार है। हिंदी अपने ही घर में सौतेला व्यवहार झेल रही है। और अंग्रेजी… विदेशी हो कर भी अपनी पूरी ठसक के साथ भारत की सभी भाषाओं के बीच उच्च पद पर आसीन है। जानते तो सब हैं कि देश को एक सूत्र में पिरोने वाली भाषा हिंदी हो सकती है। घर के यानी कि देश के बाहर, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी ही इकलौती भाषा है जो हमारे हिन्दुस्तानी होने की पहचान मानी जाती है लेकिन फिर भी अखंड राष्ट्र भारत वर्ष की पहचान एक भाषा हो, आगे बढ़ कर ये अलख जगाने का साहस कोई नहीं दिखाता। किसी भी राजनेता को ये कोई जरूरी मुद्दा नहीं लगता।
शब्दों का सफर – 8
Posted in शब्दों का सफऱ on April 28, 2016| Leave a Comment »
सादर
शब्दों का सफर – 7 (भाग-2)
Posted in शब्दों का सफऱ on April 22, 2016| 1 Comment »
नमस्कार !
शब्दों का सफर श्रृंखला के भाग 7 में हमने बात की थी कुछ ऐसे शब्दों की जो मूल रूप से हैं तो अंग्रेजी के लेकिन उच्चारण में थोड़ी फेर बदल के बाद उन्होंने हिंदुस्तानी रूप ले लिया है और पूरी ठसक के साथ रोज की बातचीत में अपनी जगह बनाए हुए हैं। मित्र संजय माथुर जी ने बहुत से शब्द जोड़े हैं इस श्रंखला में
संजय जी के सौजन्य से : शब्दों का सफर – 7 (भाग-2)
बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी ….
टिप्पणी के माध्यम से भी जोड़े जा सकते हैं शब्द, आप भी जुड़िये, नये शब्द जोड़िये
अगली मुलाकात तक के लिये
नमस्कार !
शब्दों का सफर – 7
Posted in शब्दों का सफऱ on April 21, 2016| Leave a Comment »
नमस्कार !
शब्दों का सफर श्रृंखला में आप का स्वागत हैं
आज बात करते हैं कुछ ऐसे शब्दों की जो मूल रूप से हैं तो अंग्रेजी के लेकिन उच्चारण में थोड़ी फेर बदल के बाद उन्होंने हिंदुस्तानी रूप ले लिया है और पूरी ठसक के साथ रोज की बातचीत में अपनी जगह बनाए हुए हैं। तो आइये मिलते हैं कुछ ऐसे ही बहुरुपिये शब्दों से :-
English हिंदी
Bottle बोतल
Pistol पिस्तौल
Dozen दर्जन
January जनवरी
Sentry संतरी
Treasury तिजोरी
तो क्या कहते हैं, ढूंढ कर लाएंगे कुछ ऐसे ही और बहुरुपिये शब्द !
फिर जल्दी ही मिलती हूँ भाषा सम्बन्धी कुछ दिलचस्प जानकारी के साथ ,
तब तक के लिए नमस्कार !
शब्दों का सफर – 6
Posted in शब्दों का सफऱ on April 16, 2016| 2 Comments »
नमस्कार !
शब्दों का सफर श्रृंखला में आप का स्वागत हैं !
आइये आज हम शब्दों का सफर में बात करते हैं कुछ ऐसे शब्दों की जो मूल रूप से अरबी (Arabic) भाषा से हैं लेकिन हमने उन्हें गले लगाकर प्यार से अपनी रोजमर्रा की भाषा से जोड़ लिया है , और अब हिंदी में उनका प्रयोग आम बोल चाल की भाषा में इतने सहज ढंग से होने लगा है ये कि शब्द कहीं बाहर से किसी दूसरी भाषा से आये हुए लगते ही नहीं
अरबी शब्द (Arabic Words) :
अमीर (Rich), अजीब (Strange), अक्ल (Intelligence), आदत (Habit), औरत (Woman), इज्ज़त (Reputation), इमारत (Building), इमान (Dignity), किस्मत (Destiny), किस्सा (Story/ Event), जनाब (Mister), जवाहर (Gem), तारीख (Date), जहाज़ (Ship), दंगा (Riot), तरक्की (Progress), मतलब (Meaning), राय (Advice), अदब (Manner), आख़िर (At last), असली (Original), आशिक़ (Lover), शुक्रिया (Thanks), अख़बार (Newspaper), सियासत (Politics), बस (Enough! / That’s all!), क़ानून (Rule), खबर (News), ख़बरदार (Careful), वक़ालत (Advocacy), वक़्त (Time), अर्जी (petition), जिला (District), ताल्लुक (Relation), मुल्क (Country), वतन (Country), तमीज़ (Etiquette), कमीज़ (Shirt), फिरंगी (Foreigner), शकर/शक्कर (Sugar), जुर्म (Crime), चाय (Tea), ख़्वाब (Dream), फरमाना (To tell), जुरमाना (Penalty), हुकूमत (Governance), हुकुम (Rule/Command), सलामत (Safety), काफ़ी (Enough/Plenty) , कलम (Pen), कुर्सी (Chair), मतलब (meaning/Concern), हिरासत (Guarding), ख़ास (Special), मशहूर (Famous) etc.
पढ़िए, सुझाव दीजिये और कुछ शब्द आप भी जोड़िये …. जल्दी ही मिलती हूँ फिर शब्दों के सफर के कुछ और रंग लेकर, तब तक के लिए
नमस्कार !
शब्दों का सफर -5
Posted in शब्दों का सफऱ on April 13, 2016| 3 Comments »
नमस्कार !
शब्दों का सफर में आइये आज जानते हैं “हिंदी” शब्द के बारे में
जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि हिंदी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। इसे नागरी नाम से भी पुकारा जाता है। देवनागरी में 11 स्वर और 33 व्यंजन होते हैं और इसे बाएं से दायें और लिखा जाता है।
‘हिन्दी’ शब्द की व्युत्पत्ति :
हिन्दी शब्द का सम्बंध संस्कृत शब्द सिन्धु से माना जाता है। ‘सिन्धु’ सिन्ध नदी को कहते थे और उसी आधार पर उसके आस-पास की भूमि को सिन्धु कहने लगे। यह सिन्धु शब्द ईरानी में जाकर ‘हिन्दू’, हिन्दी और फिर ‘हिन्द’ हो गया बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और इस शब्द के अर्थ में विस्तार होता गया तथा हिन्द शब्द पूरे भारत का वाचक हो गया। इसी में ईरानी का ईक प्रत्यय लगने से (हिन्द ईक) ‘हिन्दीक’ बना जिसका अर्थ है ‘हिन्द का’। यूनानी शब्द ‘इन्दिका’ या अंग्रेजी शब्द ‘इण्डिया’ आदि इस ‘हिन्दीक’ के ही विकसित रूप हैं। हिन्दी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग शरफुद्दीन यज्+दी’ के ‘जफरनामा’(1424) में मिलता है।
प्रोफेसर महावीर सरन जैन ने अपने ” हिन्दी एवं उर्दू का अद्वैत ” शीर्षक आलेख में हिन्दी की व्युत्पत्ति पर विचार करते हुए कहा है कि ईरान की प्राचीन भाषा अवेस्ता में ‘स्’ ध्वनि नहीं बोली जाती थी। ‘स्’ को ‘ह्’ रूप में बोला जाता था। जैसे संस्कृत के ‘असुर’ शब्द को वहाँ ‘अहुर’ कहा जाता था। अफ़ग़ानिस्तान के बाद सिन्धु नदी के इस पार हिन्दुस्तान के पूरे इलाके को प्राचीन फ़ारसी साहित्य में भी ‘हिन्द’, ‘हिन्दुश’ के नामों से पुकारा गया है तथा यहाँ की किसी भी वस्तु, भाषा, विचार को ‘एडजेक्टिव’ के रूप में ‘हिन्दीक’ कहा गया है जिसका मतलब है ‘हिन्द का’। यही ‘हिन्दीक’ शब्द अरबी से होता हुआ ग्रीक में ‘इन्दिके’, ‘इन्दिका’, लैटिन में ‘इन्दिया’ तथा अंग्रेज़ी में ‘इण्डिया’ बन गया। अरबी एवँ फ़ारसी साहित्य में हिन्दी में बोली जाने वाली भाषाओं के लिए ‘ज़बान-ए-हिन्दी’, पद का उपयोग हुआ है। भारत आने के बाद मुसलमानों ने ‘ज़बान-ए-हिन्दी’, ‘हिन्दी जुबान’ अथवा ‘हिन्दी’ का प्रयोग दिल्ली-आगरा के चारों ओर बोली जाने वाली भाषा के अर्थ में किया।
जल्दी ही मिलती हूँ कुछ ऐसी ही अजब गजब कहानी लेकर शब्दों की, भाषा की रोचक यात्रा के बारे में, तब तक के लिए नमस्कार
सादर
(जानकारी : गूगल एवं विकीपीडिया से साभार)
शब्दों का सफर – 4
Posted in शब्दों का सफऱ on April 5, 2016| 3 Comments »
नमस्कार !
आइये आज हम शब्दों का सफर में बात करते हैं कुछ ऐसे शब्दों की जो मूल रूप से फ़ारसी भाषा से हैं लेकिन हिंदी में उनका प्रयोग रोजमर्रा की बोल चाल की भाषा में इतने सहज ढंग से होता है कि कहीं बाहर से किसी दूसरी भाषा से आये हुए लगते ही नहीं
फारसी शब्द (Persian Words) :
आराम (Rest), आमदनी (Salary), आवारा (Straggler), किनारा (Shore), गिरफ़्तार (Arrest), ज़हर (Poison), जादू (Magic), जुरमाना (Penalty), नौजवान (Young), बेवा (Widow), मुफ़्त (Free), बेईमानी (dishonesty), सूद (Interest), रंग (Color), सितार (Sitar), हफ़्ता (Week), सुर्ख (Red), सफ़ेद (White), नारंगी (Orange), दूर (Far), हमेशा (Ever) , हरदम (Each moment), शायद (Maybe), पास (Near), एकबार (Once), ख़राब (Damaged), ताज़ा (Fresh), गरम (Warm), ईमानदार (Honest), तंग (Tight), संकरा (Narrow), शहर (City), सुस्त (Lazy), शहरी (Urban), देहाती (Rural), होशियार (Intelligent), नाराज़ (Upset), हिंदी (Hindi), हिन्दुस्तानी (Indian/Hindi) and कमरा (Room),आबरू (Dignity), आतिशबाजी (Firework) etc
इसी सफर की अगली कड़ी में हिंदी शब्द की व्युत्पत्ति के बारे में भी बात करेंगे, जो काफी रोचक है. तब तक के लिए नमस्कार !
सादर
मंजु
(जानकारी : साभार – विकीपीडिया)
शब्दों का सफर जारी है …
Posted in शब्दों का सफऱ on March 14, 2016| 1 Comment »