सबको होली की बहुत बहुत शुभकामनायें !! इस बार की कविता “होली का रंग बच्चों के लिए” और कुछ हमारे लिए भी. .
होली
सबके सब रंगों में डूबे
गली गली में उछलें कूदें
नीले, पीले, हरे, गुलाबी
सब खुश हैं भैया क्या भाभी
चाचा-चाची, मामा-मामी
नाना-नानी, दादा-दादी
बच्चे बूढ़े सभी मगन हैं
सबके मन में एक लगन है
न कोई बच जाये सूखा
न कोई रह जाये भूखा
रंग लगाओ, गुझिया खाओ
हिल-मिल, सब होली मनाओ
आंगन आंगन सजी रंगोलीगली गली में होरियर टोलीसबके दिल को प्रीत भिगोतीकाश ये होली हर दिन होती
Very delightful and invigorating in these times of experiences on this planet.
बहुत सुन्दर …..होली की ढेरों शुभकामनाएं.
हों जीवन में नए रंग
केवल खुशियाँ खेलें संग
सदा हमारी सबको दुआएँ
खुशबू , फूल सदा बरसाएँ।
रामेश्वर काम्बोज और परिवार
खूबसूरत रंगों को बिखेरा है …होली की शुभकामनायें